ev scooter Crash Test: जिस तरीके के लगातार इलेक्ट्रिक व्हीकल को डिमांड में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है ठीक है उसकी प्रकार से इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाने वाले कंपनियों पर दस्तक के सवाल के उठाते नजर आ रहे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि मीडिया रिपोर्ट्स में हमेशा इलेक्ट्रिक स्कूटर में आग लगने की समस्या, बैटरी फटने से हादसे और इसे जुड़ी कई सारे समस्या के बारे में बताया जाता है।
इसके आलावा कई बार चलते चलते हैं इलेक्ट्रिक स्कूटर में आग लगने की भी खबर सामने आती है। ऐसे में इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने वाले लोगों को इस रात को सोचने पर मजबूर कर देता है कि क्या इलेक्ट्रिक व्हीकल को खरीदना सही है या नहीं।
लेकिन इसी सब बातों का ध्यान में रखते हुए देश की एक प्रमुख संस्था ARAI की ओर से पहली बार Electric Scooters की सुरक्षा की जांच के लिए Crash Test किया गया है। यह क्रैश टेस्ट इसलिए किया जा रहा है ताकि भारत में इलेक्ट्रिक टू व्हीकल अच्छे क्वालिटी वाले पदार्थ से डिजाइन किया जा रहा है या नहीं। इसके अलावा क्या इलेक्ट्रिक स्कूटर का क्रैश टेस्ट होना जरूरी है या नहीं इसके बारे में पीछे बात करने वाले है।
पहली बात ARAI ने Crash Test की टेस्टिंग
ARAI यानी ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया की ओर से महाराष्ट्र के हाल में ही भारत में मिलने वाले कुछ कंपनियों के इलेक्ट्रिक स्कूटर की क्लास टेस्ट की है। संस्थान की ओर से अपने प्लांट में तीन क्रैश टेस्ट की एक सीरीज को पूरा कर लिया है।
इस crash test को पूरा करने के लिए इलेक्ट्रिक स्कूटर को कई सारे पथरीली रास्ता और चुनौतियों से गुजर गया। वही क्रैश टेस्ट के दौरान डेटा का कैप्चर करने के लिए एक्सेलेरोमीटर और हाई स्पीड कैमरे का उपयोग किया गया। लेकिन संस्थान की ओर से जिन कंपनियों के वाहनों का क्रैश टेस्ट में उपयोग किया गया, उनकी जानकारी को गुप्त रखा गया है। कंपनी बहुत जल्द इसकी डाटा भी मीडिया के सामने रिलीज करने वाले है।
किसे होगा फायदा और नुकसान
अगर क्रैश टेस्ट से होने वाले नुकसान की बात करें तो पूरी कंपनियों को सबसे ज्यादा नुकसान है जो अपने इलेक्ट्रिकल स्कूटर में तय मानकों की जगह सस्ती और खराब बैटरी, मोटर और अन्य पार्ट्स का उपयोग करती हैं।
इस अलावा इस क्रैश टेस्ट से सीधा फायदा ग्राहकों को होने वाला है क्योंकि क्रैश टेस्ट के दौरान इलेक्ट्रिक दो पहिया वाहनों को कई तरह से टेस्ट किया जाएगा, जिससे उनकी मोटर, बैटरी, चेसिस आदि की जांच हो पाएगी।
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